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Mother special poetry | माँ से मैं (Maa Se Main ) - by Saket Singh

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शीर्षक - माँ से मैं   अस्तित्व में आया तुमसे मेरे लिए तुमने दर्द भी सहा सभी परेशानियों से लड़ कर                      मुझको तुमने जन्म दिया । मां का मातृत्व मुझसे मैं ही ममता का आधार सबसे सुरक्षित मां का आंचल बचपन में आंचल ही संसार । मुझ पर जब कोई विपदा आए सबसे आक्रामक इसका वार मां के लिए मैं सबकुछ मैं हूं मां का संसार । इस जग में सभी माताएं धरा पर हो या नभ, जल में किट, पतंगा और पशु - पक्षी ममता सभी में एक जैसी । अंतर नहीं मातृत्व में किसी के वात्सल्य ही मां का सार  पूरक हैं एक दूसरे के जुड़ा हुआ जीवन का तार । जब मुझसे, पूछा किसी ने कौन हो तुम, क्या है तुम्हारा विस्तार  ? जान लो बस, तुम इतना मेरी परिभाषा, मां से मैं ।