Hindi poem | Life through fossil - Saket Singh
Life through fossil :
जीवन की कहानी जीवाश्म की जुबानी
मिली वो कहानी,
खो जो चुकी थी
घटना के साक्ष्य भी
कुछ मिलते गए हैं।
किताबों की खामोशी,
और कुछ दर्द ऐसे
कह कर चले गए,
वो मेहमान जैसे ।
आसमान के नीचे
खुली चादर ओढ़े,
ये जीवन का डेरा
है धरोहर समेटे ।
सूक्ष्म बातें वो भी
जो हम जानते हैं,
बिना साक्ष्य के हम
मानते नहीं हैं ।
विज्ञान भी था
जुटा खोज में जिसके,
वो कवि का अंत,
बयां कर गया है ।
कुछ कह ना पाए
थे अस्तित्व में जब,
आज अनजान भी
चढ़ाने, माला हैं आए ।