1 मुट्ठी वक्त | हिंदी शायरी | हिंदी कविता



Poem on time, a hand of time

एक मुट्ठी वक्त

जब आना तो कुछ पल साथ लाना
जी लूंगा उन पलों के सहारे,
कभी ख्वाहिश कम पड़ी है क्या
इस बार भी उमर भर के सपने संजो रखे हैं।

ज़िन्दगी की कसौटी की परख
ना कभी की ना ख्वाहिश है,
जो तुम कह दो खरा मान लूंगा
मेरा हाथ जो छूटे तुम थाम लेना।

मौत का सहारा ले कर ज़िन्दगी को डराया
कुछ वक्त और दे दे, ये मनाया,
पर भला ,सौदा ज़िन्दगी का, मौत ने किया है
मुझे अमर कर पूरा ,अपना वादा किया है।

ये कविता, शायरी, ग़ज़लें या शब्द
सब कहने बयां करने का जरिया है
अल्फाज हो या शब्द सभी का सफर
लेखन से दिल तक का काफी लंबा है।।

                          - Saket Singh


Time in hand, or a fist of time gives you way to act, sometimes it lacks.





Popular posts from this blog

Difference between poem and poetry - a detailed view

Krishna Janmashtami | 10 stanza long krishna Poem - Poetrymyway

Types of Poems and Their Characteristics : Exploring the Variety